नेताओ की झूठी लम्बी जुबान का कमाल -
भारत देश के नेता हमे उल्लू बना रहे ये तो जाहिर और सही बात है | मंत्री अपने से नीचे काम करने वाले आदमी को गधा समझते हैं और उनसे कठिन परिश्रम करवाते हैं अपने देश के देश के नेताओं की जबान पर नियंत्रण नहीं है और वह जो मन में आया बोल देते हैं |
जिससे इनकी लंबी जुबान वैसे पेट भी बड़ा है जो हमेशा लालच के चक्कर में खाली रहता है हमेशा खाने को कुछ न कुछ चाहिए ही | पिछले दिनों अपने आप को सबसे बुद्धिमान और खूबसूरत समझने वाले नेता जी की जुबान फिसल गई और वह विश्व सुंदरी "छिल्लर " को " चिल्लर" बोल बैठे | हमारी नानी कहां करती कि छोरे !बंदूक से निकली गोली और जबान से निकली बोली गोली कभी वापस नहीं आती इसलिए जो कुछ बोलो सोच समझकर बोलो |
नेताओ द्वारा एक दूसरे की बुराई करना -
इस बात के लिए मैं अपने पुराने नेताओं को झुक झुक कर सलाम करते हैं नेहरू जी ,शास्त्री जी ,अटल जी ,सरीखे नेताओं ने अपने विपक्षियों के लिए कभी भी हल्के शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया लेकिन आजकल के नेताओं की जुबान पर लगाम ही नहीं है सत्ताधारी दल और विपक्षी दल के नेता एक दूसरे के प्रति कितना सम्मान है यह किसी से छिपा नहीं है|
वह एक दूसरे की कटु आलोचना वे बुराई करते हैं एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश में लगे होते हैं एक बार एक नेता नेता ने आम आदमी को बुरा भला कहे दिया आम आदमी बोला इतना तूने मुझे सुनाया उससे ज्यादा बुरा हूं| मैं अपनी कमियों और बुराइयों के बारे में तेरे से ज्यादा जानता हूं तुझे तो पता ही नहीं कि तू कितना बड़ा मक्कार है| आदमी के पास नेता बेशर्मी से मुस्कुराने लगा|
राजस्थान में किसानो के लिए अनेखो समस्या[पानी ,बिजली ]
राजस्थान के मरुस्थल इलाके में इंदिरा गांधी नहर जीवनदायी है | पीढ़ियों से पानी को तरसते प्यासे लोगों को पेयजल इसी नहर के कारण प्राप्त से हुआ है | वही इलाके में जिस तरह से कृषि के क्षेत्र में तरक्की हुई है उसका पूरा देश में सकल कृषि उत्पादन से बड़ा योगदान है नहर ने इलाके की आर्थिक ,सामाजिक तस्वीर बदल दी है |
लाखों लोगों को रोजगार मिल गया भरपूर उत्पादन होने लगा है इतना सब कुछ होने के बावजूद राजस्थान के लिए वरदान बनी यह नहर कुछ खामियों से झुंझ रही है |
नहर में पानी की वरीयता ,राजस्थान के हिस्से का पूरा पानी नहीं मिलने ,नहीं नहर का क्षतिग्रस्त ,ठीक से रखरखाव नहीं होना तथा पानी का समुचित उपयोग होने से नेट से होने वाले लाभ कम करती है राजस्थान के क्षेत्र में कृषि भूमि है देखा जाए तो पानी का समुचित उपयोग नहीं होना ऐसे अनेको कारण है |
इस भूमि से कृषि उत्पादन बढ़ाया जा सकता है लेकिन पहली परेशानी यह है कि पंजाब राजस्थान के हिस्से का पानी नहीं दे रहा है बांधों के पानी पर पंजाब का नियंत्रण होने से राजस्थान को पानी देने में मनमानी करता है| इस पर परेशानी यह है कि पंजाब के क्षेत्र में इंदिरा गांधी नहर खराब अवस्था मैं है अचंभे की बात तो यह है राज्य सरकार ने जिसके रखरखाव के लिए पंजाब सरकार को पैसे दे रखे हैं|
फिर भी पंजाब सरकार को नहर को ठीक नहीं करवा रही है इससे पंजाब और राजस्थान दोनों राज्यों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है नहर की मरम्मत नहीं है यह कहकर राजस्थान को कम पानी दिया जा रहा है यह भी कहा गया है कि ज्यादा पानी देने से नहर के टूटने का डर है नहर का समुचित प्रबंधन करके राजस्थान में कृषि उत्पादन कृषि आधारित रोजगार बढ़ाया जा सकता है|
यह होगा तभी जब सरकार ने प्रबंधन को लेकर गंभीरता बढ़ते सरकार और विभाग में इच्छाशक्ति इच्छा शक्ति
भारत देश के नेता हमे उल्लू बना रहे ये तो जाहिर और सही बात है | मंत्री अपने से नीचे काम करने वाले आदमी को गधा समझते हैं और उनसे कठिन परिश्रम करवाते हैं अपने देश के देश के नेताओं की जबान पर नियंत्रण नहीं है और वह जो मन में आया बोल देते हैं |
जिससे इनकी लंबी जुबान वैसे पेट भी बड़ा है जो हमेशा लालच के चक्कर में खाली रहता है हमेशा खाने को कुछ न कुछ चाहिए ही | पिछले दिनों अपने आप को सबसे बुद्धिमान और खूबसूरत समझने वाले नेता जी की जुबान फिसल गई और वह विश्व सुंदरी "छिल्लर " को " चिल्लर" बोल बैठे | हमारी नानी कहां करती कि छोरे !बंदूक से निकली गोली और जबान से निकली बोली गोली कभी वापस नहीं आती इसलिए जो कुछ बोलो सोच समझकर बोलो |
नेताओ द्वारा एक दूसरे की बुराई करना -
इस बात के लिए मैं अपने पुराने नेताओं को झुक झुक कर सलाम करते हैं नेहरू जी ,शास्त्री जी ,अटल जी ,सरीखे नेताओं ने अपने विपक्षियों के लिए कभी भी हल्के शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया लेकिन आजकल के नेताओं की जुबान पर लगाम ही नहीं है सत्ताधारी दल और विपक्षी दल के नेता एक दूसरे के प्रति कितना सम्मान है यह किसी से छिपा नहीं है|
वह एक दूसरे की कटु आलोचना वे बुराई करते हैं एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश में लगे होते हैं एक बार एक नेता नेता ने आम आदमी को बुरा भला कहे दिया आम आदमी बोला इतना तूने मुझे सुनाया उससे ज्यादा बुरा हूं| मैं अपनी कमियों और बुराइयों के बारे में तेरे से ज्यादा जानता हूं तुझे तो पता ही नहीं कि तू कितना बड़ा मक्कार है| आदमी के पास नेता बेशर्मी से मुस्कुराने लगा|
राजस्थान में किसानो के लिए अनेखो समस्या[पानी ,बिजली ]
राजस्थान के मरुस्थल इलाके में इंदिरा गांधी नहर जीवनदायी है | पीढ़ियों से पानी को तरसते प्यासे लोगों को पेयजल इसी नहर के कारण प्राप्त से हुआ है | वही इलाके में जिस तरह से कृषि के क्षेत्र में तरक्की हुई है उसका पूरा देश में सकल कृषि उत्पादन से बड़ा योगदान है नहर ने इलाके की आर्थिक ,सामाजिक तस्वीर बदल दी है |
लाखों लोगों को रोजगार मिल गया भरपूर उत्पादन होने लगा है इतना सब कुछ होने के बावजूद राजस्थान के लिए वरदान बनी यह नहर कुछ खामियों से झुंझ रही है |
नहर में पानी की वरीयता ,राजस्थान के हिस्से का पूरा पानी नहीं मिलने ,नहीं नहर का क्षतिग्रस्त ,ठीक से रखरखाव नहीं होना तथा पानी का समुचित उपयोग होने से नेट से होने वाले लाभ कम करती है राजस्थान के क्षेत्र में कृषि भूमि है देखा जाए तो पानी का समुचित उपयोग नहीं होना ऐसे अनेको कारण है |
इस भूमि से कृषि उत्पादन बढ़ाया जा सकता है लेकिन पहली परेशानी यह है कि पंजाब राजस्थान के हिस्से का पानी नहीं दे रहा है बांधों के पानी पर पंजाब का नियंत्रण होने से राजस्थान को पानी देने में मनमानी करता है| इस पर परेशानी यह है कि पंजाब के क्षेत्र में इंदिरा गांधी नहर खराब अवस्था मैं है अचंभे की बात तो यह है राज्य सरकार ने जिसके रखरखाव के लिए पंजाब सरकार को पैसे दे रखे हैं|
फिर भी पंजाब सरकार को नहर को ठीक नहीं करवा रही है इससे पंजाब और राजस्थान दोनों राज्यों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है नहर की मरम्मत नहीं है यह कहकर राजस्थान को कम पानी दिया जा रहा है यह भी कहा गया है कि ज्यादा पानी देने से नहर के टूटने का डर है नहर का समुचित प्रबंधन करके राजस्थान में कृषि उत्पादन कृषि आधारित रोजगार बढ़ाया जा सकता है|
यह होगा तभी जब सरकार ने प्रबंधन को लेकर गंभीरता बढ़ते सरकार और विभाग में इच्छाशक्ति इच्छा शक्ति
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